Generic Medicine क्या होती है What is Generic Medicine Full Information In Hindi

नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप सभी लोग हम उम्मीद करतें हैं कि आप सभी लोग अच्छे होंगे तो दोस्तों आज के इस लेख में हम लोग Generic Medicine क्या होती है? (What is Generic Medicine Full Information In Hindi) के बारे में जानेंगे।

दवाइयों का हमारे स्वास्थ्य से बहुत गहरा कनेक्शन होता है। यह बात सही है कि यदि हम स्वस्थ रहतें हैं तो दवाइयों की बहुत कम जरूरत पड़ती है। लेकिन फिर भी हम सभी को कभी न कभी दवा तो लेनी ही पड़ती है, और जब डॉक्टर के सलाह को लेकर मेडिकल शॉप पर जातें हैं। तो कई बार दुकानदार ऐसी दवा निकालकर देता है, जो ब्रांडेड मेडिसिन का जेनेरिक वर्जन होती है और उसका मूल्य कम होता है।

इसे भी पढ़ें:- Network Marketing क्या है? पूरी जानकारी हिन्दी में

ऐसे में यह सवाल आपके मन में आता होगा कि यह कौन सी दवाइयाँ है जिनका मूल्य तुलना में कम है और दुकानदार हमें यह दवा लेने का सुझाव क्यों दे रहा है। क्या यह Generic Medicine वास्तव में अच्छी होतीं हैं या फिर सस्ती दवा का मतलब low quality तो नहीं। ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिल जायेंगे। इसलिए इस लेख अंत जरूर पढ़े जिससे आपको पता चल सके कि Generic Medicines क्या होती है। और आपको Generic Medicine के बारे में पूरी जानकारी हो जाये।

Generic Medicines के बारे में

जब कभी मेडिसिन और ड्रग की बात आये तो आप कंफ्यूज ना हो। आप यह जान लीजिये कि सभी मेडिसिन ड्रग्स होती हैं लेकिन सभी ड्रग्स मेडिसिन नहीं होतें हैं। मेडिसिन अक्सर नॉन एडिक्टिंग होतीं हैं। जबकि ड्रग्स एडिक्शन पैदा करतें हैं। जिससे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। वैसे Generic Medicines के बारे में हम क्या सोचतें हैं कि ऐसा सोचा जाता है कि जेनेरिक दवा सस्ती होती है। इसीलिए यह कम प्रभावी होगी और यह जरूर ब्रांड नाम उत्पाद डुप्लीकेट वर्जन होगी। जबकि असल में ऐसा नहीं होता है। ये दवायें उतनी ही प्रभावी होती हैं जितनी कि एक ब्रांडेड मेडिसिन होती हैं। तो अब सवाल यह आता है कि यह Generic Medicines क्या होती है?

Generic Medicine क्या होती है?

जेनेरिक का मतलब होता है सामान्य यानि यह जेनेरिक दवायें सामान्य दवायें हैं। लेकिन इसका मतलब इनके प्रभाव का कम होना नहीं है। जेनेरिक मेडिसिन एक मेडिसिन है जो उसे एक ब्रांडेड मेडिसिन से डोजेज, सेफ्टी, स्ट्रेंथ, क्वालिटी और उपयोग में वही होती है। जो पहले से ही बाजार में अपनी पहचान रखती है। यह Generic Medicine बिल्कुल ब्रांडेड मेडिसिन की तरह ही काम करती है। यानि यह सेम क्लिनिकल बेनिफिट्स प्रोवाइड करती है। आप चाहें तो ब्रांडेड मेडिसिन खरीदें या चाहे जेनेरिक मेडिसिन के जरिये अपने स्वस्थ्य समस्या को ठीक कर लें दोनों का बराबर प्रभाव होगा। पर Generic Medicines आपके जेब पर पड़ने वाले खर्चे को थोड़ा कम जरूर कर सकती है।

Generic Medicine, Brand Name Medicine की तरह काम कैसे करती है?

इसका जवाब यह कि Generic Medicines में Brand Name Medicines की तरह बराबर एक्टिव इन्ग्रेदिएन्ट का उपयोग किया जाता है। इसलिए उसका शरीर पर असर, रिस्क और लाभ बिल्कुल वैसा ही है, जैसा एक ब्रांडेड मेडिसिन का होता है।

Brand Name Medicines अपने Generic Version से क्यों अलग दिखाई देती है?

अगर बात की जाये कि यदि जेनेरिक और ब्रांडेड मेडिसिन सेम होतीं हैं, तो Brand Name Medicines अपने Generic Version से क्यों अलग दिखाई देती है। तो इसका जवाब यह है कि ट्रेडमार्क हानि होने के कारण एक जेनेरिक मेडिसिन उस दवा की तरह नहीं दिख सकती जैसा कि जो ब्रांडेड मेडिसिन पहले से ही मार्केट में है। इन दोनों तरह की दवाओं में Shape, Size, Packaging, Colors और Flavers अलग हो सकतें हैं। जो इनके परफार्मेंस और सेफ्टी को प्रभावित नहीं करतें हैं।

Generic Medicines मार्केट में कब आती है?

इस सवाल का जवाब जानने से पहले आपको यह प्रोसेस समझना होगा। सभी दवाओं के दो नाम होतें हैं। एक Brand Name होता है जो कि उस फार्मास्युटिकल कम्पनी के द्वारा दिया जाता है। जो उस मेडिसिन को मार्केट में लाती है। और एक जेनेरिक दवायें जो उस एक्टिव इन्ग्रेदिएन्ट होता है। और ब्रांड नाम मेडिसिन की तरह काम करता है। जब कोई फार्मास्युटिकल कम्पनी एक नयी एक्टिव इन्ग्रेदिएन्ट वाली दवा पहली बार बाजार में लेकर आती है तो उसे कई सालों तक पेटेन्ट के जरिये सुरक्षित रखा जाता है।

इसे भी पढ़ें:- NGO (एनजीओ) क्या है? NGO कैसे शुरू करें पूरी जानकारी

इस पेटेन्ट के बदौलत ही उस दवा को बनाने वाली कम्पनी को यह अधिकार मिल जाता है कि उसे नयी दवा बनाने में जितना खर्च करना पड़ा उतना लाभ वह कमा सके। इस दौरान कोई ही कम्पनी उस सुरक्षित एक्टिव इन्ग्रेदिएन्ट वाली Similiar दवा नहीं बना सकती है। इस दवा को क्लीनीकल ट्रायल के जरिये discover और develop करने के लिए उस कम्पनी को बहुत खर्च करना पड़ता है। इस खर्च को पेटेन्ट डुरेशन के दौरान पूरा कर लिया जाता है। लेकिन जब पेटेन्ट expire हो जाता है तब दूसरी कम्पनी को यह परमिशन मिल जाती है। कि वह उस एक्टिव इन्ग्रेदिएन्ट पर आधारित दवा बना ले। इन्ही दवाओं को Generic Medicine कहा जाता है। ऐसी बहुत सी दवायें आपको मार्केट में मिल जायेंगी। लेकिन उनका एक्टिव इन्ग्रेदिएन्ट समान होगा।

Generic Medicine का मूल्य कम क्यों होता है?

जेनेरिक दवाओं के सस्ते होने का कारण यह है कि यहाँ एक बार Brand Name Medicines बनाने में क्लिनिकल स्टडीज कर ली जाती है। और सेफ्टी इफेक्टिवनेस को माप लिया जाता है। तब जेनेरिक मेडिसिन बनाते समय इस प्रोसेस को दोहराने की जरूरत नहीं पड़ती है। जिससे उनका मूल्य कम हो जाता है और बाजार में भी वह कम दामों में मिल जाती है।

इसे भी पढ़ें:- Biochemistry क्या है? पूरी जानकारी हिन्दी में

इसके अलावां जेनेरिक मेडिसिन होने से मार्केट में होने से कॉम्पटीशन का माहौल भी बन जाता है। जिससे ग्राहक को कम मूल्य पर दवा खरीदने का मौका मिल जाता है। वैसे आपको यह पता होना चाहिए कि भारत जेनेरिक मेडिसिन का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। जो US को Europe, Africa और कई developd देशों को जेनेरिक दवायें export करता है।

Generic Medicine पॉपुलर क्यों नहीं है?

Government of India इन दवाओं का प्रमोशन तो करती है। ताकि आम जनता इन सस्ती दवाओं का फायदा उठा सके। लेकिन मेडिसिन के प्रति जो लोगों की इग्नोरेंस है वह जेनेरिक दवाओं से जनता को मिलने वाले फायदे को बढ़ने नहीं देती है। इसका एक कारण भरोसे की कमी भी है। जिसे बड़ी आसानी से जीता जा सकता है। यदि सरकार के जरिये जागरूक कैंपियन चलाया जाय और फिजिशियन और फार्मशिष्ट जैसे और ऑथेंटिक स्रोत इनके लिए इनके लिए मरीजों को जागरूक कर सके तो यह हो सकता है।

क्या Generic Medicine की अच्छी क्वालिटी Export हो जाती है?

ऐसा भी माना जाता है कि जेनेरिक दवाओं की अच्छी क्वालिटी export कर दी जाती है, और low quality की जेनेरिक मेडिसिन इंडियन मार्केट में बेच दी जाती है। अब इसमें कितनी सच्चाई है या इसमें कोई सच्चाई है भी या नहीं। क्या यह जेनेरिक मेडिसिन की सेल कम करने के उड़ाई गयी कोई अफवाह है या फिर इसमें कुछ सच भी है यह सब तो हम भी नहीं जानतें हैं। लेकिन इतना कह सकतें हैं एक ग्राहक के तौर पर हम सबका जागरूक होना और हर चीज को जाँच परख कर खरीदना और इस्तेमाल करना जरूरी है। फिर चाहे वे दवायें ही क्यों ना हों। कुल मिलाकर बात यह है कि यदि इस अफवाह को एक तरफ रखकर समझें तो Brand Name Medicine और Generic Medicines में क्वालिटी का कोई फर्क नहीं होता है। दोनों का प्रभाव बराबर होता है।

Final Words

दोस्तों आप सभी लोगों को यह जानकारी कैसी लगी हमें कोममेंट्स बॉक्स में कमेंट्स करके जरूर बताइयेगा। साथ ही इस लेख को ज्यादा से ज्यादा लोगों के सतह share जरूर करें। क्योंकि दवाइयाँ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी हैं। इन्हें किस तरीके से उपयोग करना चाहिए, कौन सी दवा लेनी चाहिए और जब भी कोई दवा लें तो उससे पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। अब हम उम्मीद करते हैं कि आप लोगों को जेनेरिक दवा और ब्रांडेड दवाओं के बीच अंतर का भी पता चल गया होगा।

Leave a Comment

x