भारत में नई शिक्षा नीति क्या है? (What is new education policy in india)
यदि अगर आप भी indian education system से कुछ ऐसी उम्मीद रखतें आयें हैं। जिसमें आप science, art और commerce की स्ट्रीम से बंधने की बजाय अपनी पसन्द की कोई भी subjects किसी भी स्ट्रीम से लेकर पढ़ सकतें हैं। तो अब आपकी यह उम्मीद और सपने पूरे होने वाले हैं। अगर आपकी स्कूलिंग पूरी हो गयी हो तो भी आप कॉलेज में इसका लाभ ले सकतें हैं। और आपकी शिक्षा पूरी हो गयी है तो भी कोई बात नहीं आप नयी generation के लिए खुश हो सकतें हैं। जो अब स्कूल और कॉलेज में इस पालिसी का लाभ ले पायेगी। और इस पालिसी के जरिये हमारे देश की शिक्षा प्रणाली भी बाकि देशों की तरह काफी broad और advance हो जायेगा।
इसकी ख़ुशी भी आप मना सकतें हैं। यह नयी शिक्षा प्रणाली students के लिए interest, talent और skills पर आधारित है। तो ऐसे में भले ही आप एक students हों, parents हों। या फिर आप एक teacher हों आपको इस नयी education policy के बारें में जरूर जानना चाहिए। ताकि आप education की इस exciting journey के लिए खुद को तैयार भी कर पायें। और updated भी बनें रहें। इसीलिए आज के इस लेख में हम आपको नयी शिक्षा प्रणाली यानी की NEP से जुड़ी सारी महत्वपूर्ण जानकरियां देने वाले हैं। इसीलिये इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
हमारे देश की नयी शिक्षा नीति (New Education Policy) की कुछ बेसिक बातें
एजुकेशन पालिसी साल 2020 में आने से 34 साल पहले साल 1986 में आई थी। उस समय राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनायी गयी थी। इसके बाद National Education Policy में कई बार तो बदलाव हुए लेकिन पिछले तीन दशकों से शिक्षा नीतियों कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। और अब साल 2020 में 34 साल बाद हमारे देश भारत की शिक्षा नीति ने इतने बड़े स्तर पर बदलाव हुए हैं। कि नयी education policy को revolutionary policy भी कहा जा सकता है। नयी शिक्षा प्रणाली में बच्चे के एडमिशन से लेकर कॉलेज की पढाई पूरा करने तक के प्रोसेस से positive और prograssive बदलाव लेकर आयें हैं। इस policy के तहत अब HRD यानी की Human Resource and Development ministry का नाम बदलकर Ministry of Education कर दिया गया है।
इस नयी शिक्षा प्रणाली में GDP का 6% हिस्सा education sector पर खर्च करने का लक्ष्य भी रखा गया है। फिलहाल 4.43% बजट ही education पर खर्च किया जाता है। इस नयी शिक्षा प्रणाली के लागू होने के बाद school education का pattern कैसा हो जायेगा। आइये इसे समझतें हैं।
इस policy के आने के बाद school education का pattern पूरी तरीके से बदल जायेगा। अभी तक school education 10+2 पर आधारीत थी। लेकिन अब इस नयी प्रणाली में शिक्षा को 5+3+3+4 stage में बाँट दिया गया है। आइये अब हम इस stage के बारे में जानते हैं।
1. Fundamental Stage
इस stage में school के पहले पांच साल आतें हैं। जिनमें से शुरूआती तीन साल बच्चे आगनबाड़ी, बालबाड़ी या Preschool में पढेंगे। इस दौरान उनकी उम्र 3 से 6 साल होगी और अगले 2 साल में बच्चे 1st और 2nd class की पढाई करेंगे। इन classes में पढ़ने वाले बच्चों की उम्र 6 से 8 साल होगी। यह शिक्षा activity पर आधारीत शिक्षा होगी जिसमें बच्चों में खेल के जरिये नयी skills को develop कराया जायेगा। इस stage पर एक बड़ा बदलाव यह देखने को मिलेगा। कि अभी मौजूद पैटर्न में आगनबाड़ी या प्री-स्कूल में बच्चे 2 साल रहतें है। जबकि नये पैटर्न में यह duration 3 साल की हो जाएगी।
2. Preparatory Stage
इस stage में school education के 3 साल आयेंगे। जिनमें बच्चा तीसरी से पांचवीं कक्षा तक पढ़ेगा। और इस दौरान उसकी उम्र 8 से 11 साल तक होगी इस स्टेज पर किताबों पर ज्यादा जोर देने के बजाय बच्चों को interactive learning और activity पर आधारीत शिक्षा दी जाएगी।
3. Middle Stage
यह stage भी तीन साल की होगी जिसमें students class 6 से 8 तक की पढ़ाई करेगा। और इस दौरान उसकी उम्र 11 से 14 साल होगी। इन classes में students को maths, science, art, social science और humanity की education दी जाएगी जो experiment पर आधारीत शिक्षा होगी। यानी की students को किताबें रटकर परीक्षा पास करने बजाय practicle करके खुद सीखने का मौका मिलेगा। class 6th की education की बात की जाये तो इसमें Internship भी शामिल होगी। उदाहरण के लिए 6th class का students computer coding सीख सकेगा।
4. Secondary Stage
चार साल के इस stage में class 9 से 12 तक को रखा गया है। इस दौरान students की उम्र 14 से 18 साल तक रहेगी। इन classes में students का best performence को जो pressure रहता है वह इस नयी policy में काफी कम हो जायेगा। क्योंकि इस policy के जरिये students को multi-disciplinary study का अवसर मिल पायेगा। जिसके जरिये students अपने पसन्द के subjects को चुन पायेंगे। और अपने मनचाही subjects को flexible study pattern के माध्यम से पढ़ पायेंगे कहने का मतलब यह है। की अगर students science के साथ music की पढ़ाई करना चाहता है। तो science के साथ music subject को भी ले सकता है। इस तरह हर स्ट्रीम में से अपने पसंदीदा subjects को पढ़ना संभव हो जायेगा। इस तरीके से आपको अब आपको नयी शिक्षा प्रणाली 5+3+3+4 pattern समझ में आ ही गया होगा।
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Early Chidhood Care and Education (ECCE)
ECCE फ्रेमवर्क भी स्कूल एजुकेशन में हुए बदलाव से जुड़ा हुआ है। इसमें बच्चों को शिक्षा देने के साथ उनका देखभाल भी किया जायेगा। जिसके लिए teachers को विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस फ्रेमवर्क के अनुसार 3 से 8 साल तक के बच्चों को दो categories में बांटा गया है। पहले category में 3 से 6 तक के बच्चे होंगे। जो ECCE के तहत education लेंगे। इसके बाद 8 साल के होने तक बच्चे प्राइमरी में पढेंगे। जो इस फ्रेमवर्क की secondary category होगी। वैसे इस नयी policy में और भी बहुत कुछ बदलाव हुए हैं। जैसे class 10th और 12th के बोर्ड exam pattern में बदलाव किया जायेगा। जिससे students रटकर exam देने के लिये coachings के pressure में नहीं पड़ना होगा।
अब इन exam का pattern ऑब्जेक्टिव और डिस्क्रिप्टइव में बदला जायेगा। ताकि students के knowledge का test लिया जा सके। और उनके लिए बोर्ड exams आसान हो सकें ये exam न्यू एजुकेशन पालिसी लागू होने के बाद साल में दो बार होंगे। बोर्ड exams के लिये एक नया National Assessment Center “परख” भी स्थापित किया जायेगा। कम से कम class 5th तक के बच्चों की पढ़ाई मातृभाषा, स्थानीय भाषा या क्षेत्रीय भाषा में हो सकेगी। इस policy के अनुसार school एजुकेशन में Artificial Intelligence, Design Thinking जैसे contemporary subjects भी include किये जायेंगे। और traditional indian value और constitution value की जानकारी देने वाले content को भी करिकुलम में शामिल किया जायेगा।
अब students school और कॉलेज में संस्कृत भाषा को विकल्प के तौर पर चुन सकेंगें। कई विदेशी भाषाओँ को भी secondary level में एक विकल्प के रूप में चुना जा सकेगा। Indian Sign Language को केन्द्रित भी किया जायेगा।
Higher Education के लिए New Education Policy में बदलाव
इस नयी policy में साल 2035 तक higher education grass enrollment ratio को 50% तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है। कॉलेज में multiple Entry और Exit का विकल्प भी जायेगा। यह विकल्प students के लिए बहुत लाभदायक साबित हो सकेगा। हम इसे इस तरीके से समझतें हैं- Undergarduate Courses 3 से 4 साल के होतें हैं। अभी तक की शिक्षा प्रणाली के अनुसार अगर आप किसी भी कारण से Course की पूरी पढ़ाई नहीं कर पायें। और आपको कोर्स के पहले या दूसरे साल में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी तो आपके लिए उसकी वैल्यू जीरो हो जाती है। लेकिन अब इस नयी policy की मदद से आप अपनी पढ़ाई को वैल्यू दिला पायेंगे।
क्योंकि अगर इस 3 से 4 साल के कोर्स में आप पहले साल पर पढ़ाई छोड़ते हैं। तो आपको Certificate मिलेगा, दो साल तक ही पढ़ पातें हैं। तो Diploma मिलेगा, तीन साल पर Graduation की Degree और चार साल पूरे करने पर Research Based Graduation मानी जाएगी। देश के technical institutions में अब से इंजीनियरिंग के साथ-साथ arts और humanity subjects पर भी जोर दिया जायेगा। देश के सभी institute में एडमिशन के लिए एक Common Entrance Test लिया जायेगा। यह टेस्ट ऑप्शनल होगा और students अब रीजनल लैंग्वेज में भी ऑनलाइन कोर्स कर सकेंगे फिलहाल ज्यादातर courses हिंदी और अंग्रेजी भाषाओँ उपलब्ध होते हैं।
एक नेशनल एकेडमिक क्रेडिट बैंक (NAC-Bank) बनाया जायेगा। जिसमें recoognised हायर एजुकेशन institute में पढ़ने वाले students के एकेडमिक क्रेडिट्स जमा होंगे। यह प्रोसेस ऑटोमैटिक होगा उर स्टूडेंट्स के क्रेडिट्स उनके अकाउंट में पहुँच जायेंगे इन क्रेडिट्स का इस्तेमाल स्टूडेंट्स किसी भी एकेडमिक प्रोग्राम के लिये कर सकेंगे। Law और मेडिकल एजुकेशन को छोड़कर बाकी सभी हायर एजुकेशन के लिए Higher Education Commission of India (HECI) बनाया जायेगा। जो यूजीसी (UGC) की जगह लेगा NCTE, NCERT की मदद से teachers ट्रेनिंग के लिए नया नेशनल करिकुलम तैयार करेगा। इस नयी policy के अनुसार अब पढ़ाने के लिये minimum qualification चार साल का Integrated B.Ed. डिग्री कोर्स होगा। हमारे देश की शिक्षा को इंटरनेशनल स्टैण्डर्ड तक पहुँचाने के लिए अब टॉप ग्लोबल रैंकिंग रखने वाली यूनिवर्सिटी और कॉलेज को भारत में अपनी ब्रांच खोलने की अनुमति भी दी जायेगी।
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Final Words
दोस्तों अब आप लोगों के New Education Policy (NEP) 2020 से जुड़ी सारी जानकारियाँ आ गयी हैं। और यह माना जा रहा है कि यह policy जल्द ही आने वाले सालों में हमारे शिक्षा प्रणाली पर लागू भी हो जाएगी। हम उम्मीद करतें हैं, कि यह policy जल्द से जल्द लागू हो सकेगी। और इससे मिलने वाले फायदे हमारी शिक्षा प्रणाली को बहुत ऊंचाई तक ले जायेंगें मैं उम्मीद करता हूँ कि यह जानकारी आप लोगों को पसंद आयी होगी। और आपके लिये बहुत उपयोगी भी साबित होगी। यह जानकारी आपको कैसी लगी हमें comments box में लिखकर जरूर बतायें। और साथ ही साथ इसे अपने दोस्तों के साथ share करना ना भूलें। धन्यवाद!
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